story of paush chauth

 Story of paush chauth

story of paush chauth
पौष चौथ की कहानी

Hlo दोस्तो इस पोस्ट में हम story of paush chauth पड़ेंगे आपको इस Post me पूजन विधि वह पौष चौथ माता की कहानी पढ़ने को मिलेगी

पौष मास की चौथ की पूजन विधि

चौथ माता का चित्र

देसी घी का दीपक

चावल

रोली मोली

 पंचमेवा

दूब

गुड से बना हुआ गणेश जी

पौष मास की चौथ की व्रत कथा

चौथ के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सन्यान करके

सुंदर वस्त्र पहनकर भगवान गणेश जी का ध्यान करके पोष चौथ माता कथा सुननी चाहिए

पौष मास की चौथ की कहानी

एक नगर में सेठ सेठानी रहते थे उनके पांच बेटे बहु थे

सेठानी पौष मास चौथ की व्रत करती थी। सेठानी का नियम था की सवा मन तिलकुटा बांटकर अन्न जल ग्रहण करती थी।

पौष मास की चतुर्थी आने पर सेठानी ने व्रत किया अपनी बड़ी बहू को तिलकुटा करने का बोल कर मंदिर में पौष चौथ माता की कहानी सुनने चली गई ।मंदिर से आने के बाद बड़ी बहू से पूछा, बहु तिलकुटा कूट दिया क्या। बहु ने बोला मांजी  कूट दिया । 

दूसरी चौथ पर सेठानी ने दूसरे नंबर की बहू से बोला बेटा तिलकुटा कूट देना । मैं चौथ माता की कहााा सुन के आती हूं दूसरी बहू ने 5 किलो कम है कूट दिया

इस तरह तीसरी चौथी बहू को भी सेठानी ने तिलकुटा को कूटन को कहा पर सभी ने पांच 5 किलो कम कूट के दिया।

 

पांचवी चौथ पर सबसे छोटी बहू को तिलकुटा कूटने को कहा। छोटी बहू ने साफ मना कर दिया जिसे सेठानी दुखी हो गई और सेठ के आने पर सारी बात सेठ को बता दी। सेठ ने बोला जिस घर में अपनी इज्जत ही नहीं हो वहां पर रहना ही नहीं चाहिए। ऐसा बोलकर सेठ सेठानी ने घर छोड़ दिया और दूसरे नगर की ओर चल पड़े

 रस्ते में चलते चलते एक नगर दिखाई दिया उस नगर में नए राजा का चुनाव हो रहा था उनका नियम था जो भी सुबह नगर में प्रवेश करेगा उसको नगर का राजा बना दिया जाएगा।

 

सुबह होते ही सेठ सेठानी ने नगर में प्रवेश किया और नगर वासियों ने चौथ माता की कृपा से सेठ को नगर का राजा और सेठानी को रानी बना दिया ।

उधर चौथ माता के कोप से बेटों का काम धंधा ठप हो गया और भूख मरने की नौबत आ गई। तो सभी ने निर्णय लिया की पास के नगर में चलते हैं और राजा से काम मांगते हैं 

सभी पास के नगर की और चल पड़े जब सेठ को खबर मिली कि बेटे और बहू नगर की ओर काम मांगने आ रहे हैं ।

तो सेठ ने सेठानी को खबर भी भिजवाई । बेटों का क्या करना है सेठानी बोली उन्होंने तो अपन साथ ऐसा बरताव किया पर हम तो उनके मां बाप हैं हम उनके साथ ऐसा बर्ताव नहीं करेंगे।

 जब बेटे बहू सेठ से काम मांगने लगे तो सेठ ने बेटों को नगर में काम दे दिया और बहुओ को सेठानी की सेवा करने का हुक्म दे दिया

 जब बड़ी बहू सेठानी की बाल गूथ रही थी तो सेठानी के सोने के बाल को देखकर आंखों में आंसू आ गए। सेठानी ने पूछा आंखों में आंसू किस बात की आय।

 तो बहू बोली हमारी भी आपके जेसी सास थी उनके भी सोने उनके bi आपके तरह बाल था ।

वह भी आपकी तरह चौथ माता का व्रत करती थी हमने उनके साथ बुरा बर्ताव किया और घर से निकाल दिया।

 तो सेठानी बोली वह सास में ही हूं जो राजा बने हुए हैं जो आप तुम्हारे ससुर हैं हमको चौथ माता ने इस नगर का राजा बना दिया

 इस तरह सभी चौथ माता कृपा से उस नगर में सुख शांति से रहने लगे।

 हे पौष चौथ माता जिस तरह सेठ सेठानी पर कृपा की उसी तरह आपका व्रत करने वालों पर सभी पर कृपा करना।

 जय चौथ माता की

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